प्रेरणादायक हिंदी लघु कहानियां
Short Moral Stories in Hindi
Short Moral Stories in Hindi #1
मेंढक और लड़के
एक दिन कुछ लड़के एक तालाब के पास खेल रहे थे| उस तालाब में मेंढको का एक परिवार रहता था| लड़कों ने अपने मजे के लिए तालाब में
पत्थर फेंकने शुरू कर दिए| और जब पानी उछलता था, तो वह लड़के भी खुशी से उछलने लगते थे| जैसे ही पत्थर पानी में जाता था, तो बेचारे
मेंढक दर्द की वजह से कांपने लगते थे| अंत में एक साथी मेंढक बाहर आया और उसने प्रार्थना की| ‘बच्चों ऐसा खतरनाक खेल मत खेलो’|
जिससे तुम्हें आनंद का अनुभव हो रहा है, वही खेल हमारे लिए दुखदाई मृत्यु का कारण बन रहा है|
सीख:-
हमें दूसरों के जीवन से खिलवाड़ करके अपना मनोरंजन नहीं करना चाहिए|
Short Moral Stories in Hindi #2
बकरी और चरवाहा
एक दिन एक चरवाहा बकरियों के झुंड के साथ चारागाह गया| वहां एक बकरी झुंड से भटक गई| चरवाहे ने उस बकरी को समूह में लाने की
कोशिश की और आवाज़ लगाई| लेकिन बकरी ने उसकी आवाज नहीं सुनी, फिर उसने बकरी पर पत्थर फेंका| पत्थर के मारने से बकरी का
एक सींग टूट गया| इस बात से घबराकर चरवाहे ने बकरी से कहा कि- इस बात को मालिक को न बताएं कि क्या हुआ था| बकरी ने इस बात
का जवाब दिया| तुम तो बड़े ही बेवकूफ चरवाहे हो| जब सींग टूट ही गया है, तो यह सींग खुद ही बता देगा कि क्या हुआ था चाहे मैं कितनी भी
शांत क्यों ना रहूं|
सीख:-
उन चीजों को छुपाने का प्रयास कभी ना करें जो छुप नहीं सकती हैं|
Short Moral Stories in Hindi #3
अबाबील और कौवा
एक बार एक अबाबील और कौए के बीच उनके पंखों की सुंदरता को लेकर बहस हो गई| अबाबील ने कौवे से घमंड से कहा कि ” मेरे चमकदार
पंखों को देखो| यह कितने खूबसूरत हैं| और जरा अपने काले, बेढंगे पंखों को देखो| यह कितने बुरे पंख हैं| मेरे लिए जीवन में खूबसूरती ही सब
कुछ है|” यह सुनकर कौआ मुस्कुराया और उसने अबाबील से कहा, “तुम खूबसूरत हो सकते हो, लेकिन तुम्हारी खूबसूरती केवल बसंत ऋतु
में ही रहती है| तुम तो गर्मी बर्दाश्त ही नहीं कर पाते हो| जबकि मुझे देखो, मेरे पंख मुझे ठंड और गर्मी दोनों से बचाते हैं|”
सीख:-
सुख के साथी, सच्चे साथी नहीं होते हैं|
Short Moral Stories in Hindi #4
मुर्गा, बिल्ली और चूहा
एक बार एक चूहे ने दुनिया देखने के लिए अपने बिल से बाहर कदम रखा| जब वह वापस आया तो अपने रोमांचक अनुभव को बताने के लिए
वह अपनी मां के पास गया| चूहे ने कहा:-‘ मां, मैंने एक जानवर देखा, जो एक राक्षस की तरह लग रहा था| उसके सिर पर लाल रंग की कलगी
थी और वह मेरे पास बहुत ही तेजी से दौड़ कर आया| लेकिन मैं वहां से भाग गया| फिर मैंने एक और जानवर को देखा जिसकी खाल बहुत ही
मुलायम थी और मेरी तरफ प्रेम से देख रहा था|
मां ने कहा बेटा, वह खतरनाक जानवर एक मुर्गा था| लेकिन मुलायम खान वाला जानवर लोगों को खाने वाली एक बिल्ली थी| इसलिए
भगवान को धन्यवाद दो कि तुम अपना जीवन बचाने में कामयाब रहे|
सीख:-
बाहरी रंग रूप को देखकर किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए|
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Short Moral Stories in Hindi #5
किसान और सारस
एक सहारा दिन एक किसान ने अपने खेतों में जाल बिछाकर कई सारसों को पकड़ा| क्योंकि सारस(Cranes) को उसके खेतों में बोए हुए बीजों
को खा जाते थे| उनके साथ उसने एक धनेश (Stork) को भी पकड़ा, जिसकी टांग जाल में फंसकर टूट गई थी| उसने किसान से अनुरोध
किया, कृपया मुझ पर तरस खाओ| मैं सारस नहीं हूं |मैं तो धनेश(विशेष खासियत वाली चिड़िया) हूं | इस बात का मुझे बिल्कुल भी पता नहीं
था कि सारस खेत में बोए हुए बीजों को चुराने के लिए आते हैं| किसान हंसा और उसने कहा:-‘ मैंने, तुम्हें चोरों के साथ पकड़ा है| इसलिए
तुम्हारे साथ भी उसी तरह का व्यवहार होगा, जैसे एक चोर के साथ किया जाता है|’
सीख:-
बुरी संगत में रहने का नतीजा भी बुरा होता है|
Short Moral Stories in Hindi #6
दो मटके
एक बार एक तांबे के मटके ने मिट्टी के मटके से दुनिया की यात्रा करने के लिए कहा| लेकिन मिट्टी के मटके ने कहा, ‘मेरे लिए तो यह बेहतर
होगा कि मैं एक कोने में ही पड़ा रहूं’| तुम तो जानते हो कि मैं कितना कमजोर हूं| मैं तो एक छोटे से झटके से ही टूट जाता हूं| इस बात पर तांबे
के मटके ने कहा, ‘दोस्त, चिंता ना करो, मैं तुम्हारी देखभाल सही तरीके से करूंगा’| यह सुनकर मिट्टी का मटका सहमत हो गया और दोनों
यात्रा पर निकल पड़े| दोनों एक दूसरे का साथ देते हुए साथ चलते रहें| मिट्टी का मटका रास्ते में तांबे के मटके से टकराता रहा, ठोकरे खाता
रहा और अंत में यह सहन न कर सका| कुछ दूर चलने के बाद मिट्टी का मटका टूट गया और हजारों टुकड़ों में बट गया|
सीख:-
हमेशा अपने बराबर के लोगों से ही दोस्ती करनी चाहिए|
Short Moral Stories in Hindi #7
भेड़िया और गधा
एक बार एक गधा घास के मैदान में घास चर रहा था| तभी उसने एक भेड़िए को अपनी तरफ आते हुए देखा| गधे ने तुरंत ही लंगड़ा होने का
नाटक किया| भेड़िए ने गधे से उसके लंगड़ेपन का कारण पूछा| गधे ने बताया कि वह एक झाड़ी से होकर गुजर रहा था तो उसके पैर में एक
कांटा चुभ गया| अब गधे ने भेड़िए से कांटा निकालने का अनुरोध किया| उसे खा जाने वाले भेड़िए ने गधे के अनुरोध को स्वीकार कर लिया|
क्योंकि उसे लगा कि गधा तो अब कहीं भाग कर नहीं जा सकता है| गधे ने अपनी टांग उठाई और भेड़िया सावधानीपूर्वक झुककर कांटे को
देखने लगा| लेकिन तभी गधे ने भेड़िए के मुंह पर दुलत्ती मारी और कहा:-‘ तुम कसाई हो, कोई डॉक्टर नहीं!’
भेड़िया दुलत्ती की चोट खाकर धूल चाटने लगा और गधे ने सरपट दौड़ लगाकर अपनी जान बचाई|
सीख:-
मुसीबत के समय अपनी बुद्धि से काम लेना चाहिए|