Poem on Father in Hindi
इस कविता में कवि ने बच्चे कि मनोभावनाओं को पेश किया किया है, जिसमे बच्चे को पापा के आने कि आस लगी रहती है| बच्चा कहता है कि आज मेरा जन्मदिन है, पापा जल्दी आना| पढ़िए मनभावक Poem on Father In Hindi
Poem on Father in Hindi
पापा जल्दी आना
बोर अकेले होता हूं,
पापा जल्दी आना|
मेरे उठने के पहले ही,
तुम ऑफिस जाते हो|
और हमेशा सो जाने पर
घर वापस आते हो|
छुट्टी वाले दिन भी तुमको,
पड़ता ऑफिस जाना |
पापा जल्दी आना|
मम्मी रही नहीं अब मेरी,
जो मुझको नहलाती,
टिफिन लगाती, पानी देती ,
होमवर्क करवाती |
सब कुछ मुझको करना पड़ता,
हंसना, रोना, गाना |
पापा जल्दी आना |
आज जन्मदिन मेरा, पापा,
तुझको याद दिलाता |
खुश होते है सब इस दिन पर,
मुझको रोना आता |
आ जाओ तुम किसी तरह घर,
आज नहीं बहलाना |
बोर अकेले मै होता हूँ ,
पापा जल्दी आना,
पापा जल्दी आना ||