Poem on Hindi Diwas in Hindi – हिंदी दिवस पर कविताएं
Poem on Hindi Diwas in Hindi #1
भारत का हो मस्तक ऊंचा, जन जन की अभिलाषा है|
हम बच्चे हैं भारत मां के, हिंदी भारत भाषा है|
संस्कृत की पुत्री हिंदी,
बृज, अवधी की जननी हिंदी,
तमिल, तेलगु, मलयालम की ,
सगी बहिन सी लगती हिंदी |
हिंदी का रस चख कर देखो, मीठा मधुर सुवासा है |
हम बच्चे है भारत माँ के, हिंदी भारत भाषा है |
एक करेगी सबको हिंदी,
नेक करेगी सबको हिंदी,
हिंदी को अपना कर देखो,
भली लगेगी सबको हिंदी |
हिंदी देवी सरस्वती है, हिंदी अपनी भाषा है |
हम बच्चे है भारत माँ के, हिंदी भारत भाषा है |
आज बढ़ रहे रूस, चीन सब,
अपनी अपनी भाषा बल पर ,
हम भी हिंदी को अपना ले,
भेद भाव सब दूर भगाकर |
हिंदी बने विश्व की भाषा, यही एक अभिलाषा है|
हम बच्चे है भारत माँ के, हिंदी(Hindi) भारत भाषा है ||
डॉ० परशुराम शुक्ल
Poem on Hindi Diwas in Hindi #2
राष्ट्र हमारा भारत प्यारा,
हम बहु भाषा भाषी है |
अलग प्रान्त हो चाहे अपने,
पर हम भारत वासी है |
चाहे कोई बोले बंगला,
और असमिया, उड़िया जी,
तमिल, तेलगु, कन्नड़ चाहे,
बोले कुछ मलयालम जी |
अपनी गुजरती, पंजाबी,
और मराठी, सिंधी है |
अलग अलग भाषाएँ कितनी ,
राष्ट्र की भाषा हिंदी है |
संस्कृत भाषा सबकी जननी,
सब भाषाएँ बहने है |
एक दूजे की शोभा है ये,
भारत माँ के गहने है |
आओ सारे भारतवासी,
जन जन तक हिंदी पहुंचाए|
सीखे हिंदी और सिखाये,
सदा राष्ट्र की शान बढ़ाये ||
डॉ० शकुंतला कालरा
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